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अंशुल कंबोज: भारतीय क्रिकेट का उभरता सितारा

भारतीय क्रिकेट में नये टैलेंट का उदय हमेशा से प्रशंसकों के लिए उत्साह का विषय रहा है। ऐसा ही एक नाम है अंशुल कंबोज, जो हरियाणा के करनाल से निकलकर भारतीय टेस्ट क्रिकेट में अपनी छाप छोड़ने को तैयार हैं। 24 साल के इस तेज गेंदबाज और ऑलराउंडर ने अपनी मेहनत, लगन और शानदार प्रदर्शन से सबका ध्यान खींचा है। आइए, उनके क्रिकेट सफर, उपलब्धियों और 2025 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट डेब्यू पर एक नजर डालें।

शुरुआती जीवन और क्रिकेट की शुरुआत

अंशुल कंबोज का जन्म 6 दिसंबर 2000 को हरियाणा के करनाल में एक किसान परिवार में हुआ। बचपन से ही क्रिकेट के प्रति जुनून रखने वाले अंशुल ने करनाल के राणा ब्रदर्स क्रिकेट अकादमी में अपनी प्रतिभा को निखारा। उस समय करनाल में क्रिकेट सुविधाएँ सीमित थीं, जिसके कारण अंशुल को प्रोफेशनल कोचिंग के लिए गुरुग्राम जाना पड़ता था। वे हफ्ते में कुछ दिन रिश्तेदारों के यहाँ रुककर प्रशिक्षण लेते थे। उनकी प्रेरणा 2011 विश्व कप में भारत की जीत थी, जिसने उन्हें क्रिकेट को करियर बनाने के लिए प्रेरित किया।

हरियाणा क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी ने अंशुल को रोहतक में पेस-बॉलिंग कैंप के जरिए समर्थन दिया, जिसने उनके कौशल को और निखारा। पूर्व भारतीय कोच राहुल द्रविड़ और पारस म्हाम्ब्रे ने भी उनकी प्रतिभा को पहचाना और उन्हें अंडर-19 स्तर पर मौके दिए।

घरेलू क्रिकेट में धमाकेदार प्रदर्शन

अंशुल ने 17 फरवरी 2022 को रणजी ट्रॉफी में त्रिपुरा के खिलाफ हरियाणा के लिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट में डेब्यू किया। हालांकि, शुरूआती मैचों में वे विकेट लेने में असफल रहे, लेकिन उनकी लगातार मेहनत ने जल्द ही रंग दिखाया।

उनके प्रथम श्रेणी करियर में 24 मैचों में 79 विकेट और एक अर्धशतक शामिल है, जो उनकी ऑलराउंड क्षमता को दर्शाता है।

आईपीएल में चमक

अंशुल ने 2024 में मुंबई इंडियंस के लिए आईपीएल डेब्यू किया, जहाँ उन्होंने 3 मैचों में 2 विकेट लिए। उनकी सटीक लाइन और लेंथ ने सबका ध्यान खींचा। 2025 के आईपीएल मेगा ऑक्शन में चेन्नई सुपर किंग्स ने उन्हें 3.4 करोड़ रुपये में खरीदा, जो उनकी बढ़ती लोकप्रियता का सबूत है। एमएस धोनी ने उनकी सीम मूवमेंट और यॉर्कर की तारीफ की, कहते हुए, “उनका गेंद बल्ले पर तेज लगता है, और वे दबाव में शांत रहते हैं।”

टेस्ट डेब्यू: मैनचेस्टर में ऐतिहासिक पल

23 जुलाई 2025 को, अंशुल कंबोज ने मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया, और भारत के 318वें टेस्ट क्रिकेटर बने। यह वही मैदान है जहाँ 1990 में अनिल कुंबले ने डेब्यू किया था, जिससे इस पल का महत्व और बढ़ गया। अंशुल को आकाश दीप और अर्शदीप सिंह की चोट के कारण मौका मिला, और उन्होंने पूर्व क्रिकेटर दीप दासगुप्ता से अपनी टेस्ट कैप हासिल की।

रविचंद्रन अश्विन ने अंशुल की तारीफ में कहा, “वह जहीर खान और जसप्रीत बुमराह की तरह योजनाओं को समझता और लागू करता है। उसका टप्पा और सीम पोजीशन शानदार है।” अश्विन ने यह भी कहा कि बुमराह और सिराज के साथ अंशुल भारत की गेंदबाजी को और घातक बनाएंगे।

खेल शैली और ताकत

व्यक्तिगत जीवन और नेट वर्थ

कर्णाल के साधारण परिवार से आने वाले अंशुल जमीन से जुड़े हुए हैं। उनकी अनुमानित नेट वर्थ 2024 तक 40 लाख रुपये थी, जो आईपीएल 2025 के 3.4 करोड़ के सौदे के बाद काफी बढ़ने की उम्मीद है। वे अपने परिवार और हरियाणा क्रिकेट अकादमी के प्रति आभार व्यक्त करते हैं।

भविष्य की संभावनाएँ

अंशुल कंबोज भारतीय क्रिकेट के भविष्य के सितारे हैं। उनकी रणजी ट्रॉफी, दलीप ट्रॉफी, और आईपीएल में लगातार अच्छी फॉर्म उन्हें एक उभरता ऑलराउंडर बनाती है। बीसीसीआई सूत्रों के अनुसार, अगर वे अपनी गति को कुछ किलोमीटर बढ़ा सकें, तो वे जल्द ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बड़ा नाम बन सकते हैं। मैनचेस्टर टेस्ट में उनके प्रदर्शन पर सभी की नजरें हैं, क्योंकि यह उनके करियर का टर्निंग पॉइंट हो सकता है।

निष्कर्ष

अंशुल कंबोज की कहानी मेहनत, लगन और प्रतिभा की मिसाल है। करनाल के खेतों से मैनचेस्टर के मैदान तक का उनका सफर हर युवा क्रिकेटर के लिए प्रेरणा है। जैसा कि अश्विन ने कहा, “अंशुल में वह खासियत है जो बड़े गेंदबाजों को अलग बनाती है।” क्या वे इंग्लैंड के खिलाफ इस सीरीज़ में अपनी छाप छोड़ पाएंगे? यह देखना रोमांचक होगा।

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